Thursday, 12 April 2018

भारत के आर्थिक विकास में सामाजिक क्षेत्र का योगदान ....


“आर्थिक विकास में सामाजिक क्षेत्र का योगदान”
भारत एक विशाल जनसमूह वाला देश है जहाँ जनसंख्या और प्रकिर्तिक संशाधनो का प्रचुरता है. भारत एक ऐसा देश है जहाँ की संस्कितिक, सभ्यता, भाषा, पोषाक आदि पग पग पर पर बदलती नजर आती है. यहाँ जगह बदलने के साथ भाषा, सांस्कृतिक, त्यौहार, पोषक, सामाजिक जीवन के साथ साथ सामाजिक,आर्थिक,एव्म् राजनिक सोच भी बदल जाती है. यह हम भारत के विभिन्न क्षेत्रो के परिभरमन करने के पश्चात् हम महशुस कर सकते है. जहां भारत के उत्तरी भाग कश्मीर से दक्ष्णि भाग कन्याकुमारी तक तथा पूर्वी भाग अरुणाचल प्रदेश से पश्चमी भाग सौराट्र तक एक नजर देखने से पता चलता है यहाँ हरेक जगह पर अलग तरह से सामाजिक महौल मिलते है और इनसब के बाबजूद भारत की विकाश की गती लगातार बनी हुई है यह भारत की सबसे बड़ी उप्लाब्ध्धि है.
 भारत जहाँ लगभग दो तिहाई भाग आज भी गाँव में निवास करती है. यहाँ एसे भी गाँव है जहा के लोग आज भी शहर को देख नहीं पाए है. जहाँ तक शहरी जीवन और सभ्यता की बात है वह गाँव से पूरी तरह बदली नजर आ रही है. शहर के लोग जहाँ आज पश्चमी सभ्यता के पीछे भागते नजर आते है. वही गाँव के लोग आज भी भारतीय संस्किर्तिक और सभ्यता संयोय रखे है. इसलिए भारत में ग्रामीण सामाजिक वातावरण आर्थिक विकाश में ‘मिल का पथ्थर साबित हो सकता है बशर्ते चाहिए की इसकी सही मर्ग्देशन हो पाए.
 किसी देश के आर्थिक विकास के सामाजिक घटक का एक बड़ा योगदान होता क्योकि सामाजिक तरीके से ही एक ही एक कुशल मानव पूंजी का निर्माण जा सकता है. जो की विकाश का एक सक्रीय साधन है. विकाश करने केलिए यह जरुरी नहीं कि किसी देश का तेजी से अधौगिककारण, नागरीकरण, या शहरीकरण किया जाये एसा करने से देश का विकाश सम्भभ हो सकता है एक व्यक्ति, एक समाज का एसा मुझे नहीं लगता. एसा करने से इ मन लिया जाता है कि देश का विकाश हुआ है किन्तु क्या जमीनी स्तर पर एसा हो पा रहा हो यह देखने की बात है. भारत के संदर्भ में में यह तो और भी महत्पूर्ण हो जाता है ‘’गाँधी जी ने कहा था, भारत के आत्मा गाँव में बसती है” पर गाँव के विकास करना एल चुनौती सी बजी हुई है. इसलिए भारत में पंचायती राज अधिनियम,73वा संविधान संशोधन करके बनाया गया जिससे गाँव का विकास संभव एवं निश्चित किया जाये, जो काफी हद तक सफल भी दिख रहा है.
पंचायती राज व्यवस्था से ग्रामीण विकास क्र रफ्फ्तार बढ़ी है.  एक समय जहाँ विकास शहर तक सिमित था वही दूसरी तरफ अब विकाश की ज्वाला गावं में आ फूटी है.
   हम अछ्छी तरह जानते हैली देश के विकास में समाज का योगदान अहम् है क्योकि हर तरफ एक छोटे इकाई यानि समाज का विकास कर लिया जाये तो देश का विकास आसानी हो जायगा जो की एकदम सही भी है, इसलिए सामाजिक लाभ लाभ की योजनाये सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर बने जा रही है जिससे देश में विकास हो पाए.
  इस प्रकार हमे पता चलता है कि आर्थिक विकास में सामाजिक क्षेत्र का योगदान कितना महत्वपूर्ण है. भारत के सन्दर्भ में आजादी के बाद से अब तक लगातार सामाजिक योजने बनाय जा रहे है इसके लिए विकेंद्रीकरण जैसी वयवस्था देश में अपनाई गई. अत; किस बड़े देश, भारत जैसे देश की विकास के लिए छोटे इकाई का विकास करके उसे करना आसान है

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