Saturday, 7 April 2018

National Income in Hindi....



रासटीरिये आय
·        भारत में रस्त्रिये आय की गणना सबसे पहले “दादा भाई नौरोजी “ के द्वरा किया गया हालाँकि पुरे विश्व में “एडाम स्मिथ के स्वर किया गया था .
·        देश के रस्तिरिये आय में अर्थ्वेयाव्स्था के तीनो क्षेत्र का योगदान है.
ü  प्राथमिक क्षेत्र – इसके अन्तरगत कृषि, मत्श्ये, पशुपालन, वन एवं खान, को रखा गया है
ü  दितियेक क्षेत्र – इसके अन्तरगत निर्माण एवं विनिर्माण को को रखा गया है
ü  तिरितियक क्षेत्र – इसके अन्तरगत बैंकिंग, परिवहन संचार, वाश्ताविक सेवा ,विदेशी बाजार, बिमा इत्यादि को रहा गया है. इसको सेवा क्षेत्र भी कहते है
·        भारत में नेशनल इनकों की गणना सी एस ओ  करटी है जिसका मुख्यालय दिल्ली है .
·        नेसनल इनकम अधार वर्ष पर अध्हरित होती है जो वर्तमान में २०११-१२ है
·        इसकी गणना तीन वीडियो से किया जाता है जो निम्नलिखित है
Ø  उत्पादन विधि- इस विधि में, किसी देश की आर्थिक सीमा के अन्तरगत कुल अंतिम उत्पादन जो की  १ वर्ष में होता है  उसको मूल्य के रूप में गणना की जाती है . इसको हम जी दी पि और एन एन पि द्वरा मापते है .
Ø  आय आधारित विधि – इस विधि में हम लोगो की कुल आय को मापते है, जैसे ;इनकम, व्याज, लगान, लाभ आदि के कुल मूल्य को जोराते है.
Ø  व्येय आधारित बिधि- इस विधि में हम कुल किया गया व्याय को जोर क्र आय की गणना करते है .
नोट :- विकाशशील एवम अर्धविकशित देश में उत्य्पदन तथा आय विधी का इस्तमाल करते है लेकिन विकशित देश में ज्यादातर व्याय विधि का इस्तमाल करते है .




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